06 मई, 2011


चलो खो जाएँ ---

दिल चाहे आज, खो जाएँ कहीं
दूर नीली वादियों में-


तिलिस्मी चाँद, निशाचर पखेरू,
अनजान खुशबु-


अरण्य फूलों की,यायावर ख्यालात
और तुम हो साथ,


न करो तुम मुझसे कोई सवालात, 
न मैं ही जवाब दूँ /


किरणों के रास्ते, अरमानों के हमराह, 
कोई और जहाँ, चलो खो जाएँ


चलो तलाश करें, उफक से कहा है
रोक ले सुबह को,


उम्र भर ये रात रहे बरक़रार,
अपनी मुहोब्बत की तरह /
---शांतनु सान्याल

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